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Agriculture Budget

Rajasthan ka krishi budget: किसानों के लिए बहुत कुछ है राजस्थान के कृषि बजट में

Rajasthan ka krishi budget: किसानों के लिए बहुत कुछ है राजस्थान के कृषि बजट में

13 महीनों तक चले किसान आंदोलन ने यह साबित किया कि अब सरकारों को उनकी तरफ ध्यान देना होगा अन्यथा सरकारें चल नहीं पाएंगी। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चल रहे चुनावों के मद्देनजर ही, डैमेज कंट्रोल करने के वास्ते प्रधानमंत्री को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े। यह वापसी इसलिए हुई क्योंकि देश भर के किसान एकजुट हो गए थे। किसानों की एकता का ही यह परिणाम था कि कानून वापस हुए और अब किसान अपने घरों पर हैं। लेकिन, इसके दूरगामी परिणाम को आपने देखा क्या। इसका दूरगामी परिणाम है, 23 फरवरी को राजस्थान में पेश किया गया कृषि बजट। जी हां, जब से राजस्थान बना है, तब से लेकर अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ था कि बजट के बाद कोई कृषि बजट पेश किया गया हो। वह भी अलग से। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। राजस्थान में जो कृषि बजट पेश किया गया, वह किसानों के आंदोलन की ही परिणिति है, ऐसा मानना गलत नहीं होगा।

क्या है कृषि बजट में

अब बड़ा सवाल यह है कि इस किसान बजट में है क्या।

दरअसल, इस किसान बजट में कई व्यवस्थाएं दी गई हैं। इन व्यवस्थाओं को गौर से देखें तो समझ जाएंगे कि राजस्थान सरकार किसानों को लेकर कितनी चिंतित है। हां, सरकारी खजाने की अपनी एक सीमा होती है। कृषि ही सब कुछ नहीं होती पर कृषि को तवज्जो देकर सरकार ने एक सकारात्मक रुख का प्रदर्शन तो जरूर किया है। आइए समझें कि इस कृषि बजट में है क्या।

1. मुख्यमंत्री कृषक साथी का बजट बढ़ गया

दरअसल, 2021 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उद्योग क्षेत्र में चलाई जाने वाली योजना को कृषि क्षेत्र में, थोड़े परिवर्तन के साथ लागू कर दिया। अर्थात, अगर आप किसान हैं और कृषि कार्य करते हुए आपके साथ कोई हादसा हो गया तो इस योजना के तहत आपको दो से 5 लाख रुपये तक की तात्कालिक सहायता मिलेगी। यह योजना कई क्लाउजेज की व्याख्या करती है। जैसे, यदि आपकी एक अंगुली कट जाए तो सरकार आपको 5000 रुपये देगी। दो कट जाए तो 10000 रुपये, तीन कट जाए तो 15000 रुपये और चार कट जाए तो 20000 रुपये का भुगतान करेगी सरकार। ऐसे ही अगर आपकी पांचों अंगुलियां कट जाती हैं तो सरकार आपको 25000 रुपये देगी। इस योजना के लिए बीते साल के बजट में 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। अब इसका दायरा बढ़ाने की गरज से सरकार ने इस योजना के लिए 5000 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। धनराशि बढ़ाने को किसानों ने बेहद बढ़िया माना है।

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2. मुख्यमंत्री जैविक कृषि मिशन

कृषि बजट में सरकार ने घोषणा की है कि इसी सत्र से मुख्यमंत्री जैविक खेती मिशन शुरू कर दिया जाएगा। इसके तहत सरकार उन किसानों को ज्यादा लाभ देगी, जो शुद्ध रूप से जैविक केती के लिए तैयार होंगे। इस योजना के तहत, सरकार उन्हें आर्थिक पैकेज तो देगी ही, जरूरत पड़ी तो उनकी फसलों को भी खरीद लेगी। इसके लिए पहले 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। अगले बजट में इस धनराशि को बढ़ाया भी जा सकता है।

3. बीज उत्पादन एवं विपणन तंत्र की घोषणा

इस कृषि बजट में सरकार ने एक ऐसा तंत्र विकसित करने की घोषणा की, जिसके तहत सभी किसानों तक सरकारी योजनाएं पहुंच सकें। खास कर बीज और कृषि के अन्य अवयवों को सरकार एक साथ किसानों तक पहुंचाना चाहती है। सरकार का जोर इस बात पर ज्यादा है कि राज्य के कम से कम दो लाख छोटे किसानों तक मूंग, मोठ और उड़द के प्रमाणित बीजों के मिनी किट्स मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएं। इन चीजों के लिए ही बीज उत्पादन एवं विपणन तंत्र की घोषणा की गई है। सरकार एक सिस्टम बनाना चाह रही है जिससे समय पर और सिस्टमेटिक रुप में किसानों तक कृषि संबंधित चीजों की डिलीवरी हो सके। इस किस्म का सिस्टम छत्तीसगढ़ में पहले से चल रहा है।

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4. राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन की घोषणा

इस कृषि बजट में सरकार ने राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन की घोषणा की। इस मिशन के तहत राजस्थान के किसान यह जान सकेंगे कि उनकी जो जमीन है, उसकी उर्वरक क्षमता क्या है। किस किस्म की खेती उन्हें कब और कैसे करनी चाहिए। अभी राजस्थान में सभी किसान परंपरागत खेती कर रहे हैं। इस मिशन के शुरू हो जाने के बाद माना जा रहा है कि खेती कार्य में विविधता आएगी। समय-समय पर जब मिट्टी की जांच होगी तो किसानों को यह एडवाइस भी दिया जाएगा कि इसकी उर्वरकता बढ़ाने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए।

5. दूध पर 5 रुपये प्रति लीटर अनुदान

राजस्थान सरकार ने अपने कृषि बजट में यह व्यवस्था की है कि जो भी किसान अपना दूध सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों को देंगे, उन्हें 5 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से अनुदान भी मिलेगा। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि दूध सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों के माध्यम से राजस्थान भर में बिके। 

6. कर्ज की व्यवस्था

इस कृषि बजट में घोषणा की गई है कि सरकार वर्ष 2022 में किसानों को फसली ऋण भी देगी। यह फसली ऋण 20000 करोड़ की लिमिट के भीतर होगी। ऐसे लाभार्थी किसानों की संख्या इस साल के लिए पांच लाख तय की गई है। इतना ही नहीं, जो लोग कृषि कार्य से प्रत्यक्ष रुप से नहीं जुड़े हैं, उन्हें भी कर्ज दिया जाएगा। इस साल ऐसे परिवारों की संख्या एक लाख तय की गई है। कर्ज कितना मिलेगा, यह तय नहीं है पर मिलेगा जरूर। कुल मिलाकर, यह किसानों के भीतर हौसला बुलंद करने वाला बजट है। इसे अगर अमली जामा पहना दिया जाए तो राजस्थान के किसानों की स्थिति बेहद सुदृढ़ हो सकती है। जिस भाव से बजट पेश किया गया है, वह बेहतर है। उसी भाव से इस पर अमल हो तो किसानों का सच में भला हो जाएगा।

वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट में किसानों के लिए क्या दिया है ?

वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट में किसानों के लिए क्या दिया है ?


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के द्वितीय कार्यकाल का अंतरिम बजट प्रस्तुत किया है। इस बजट में कृषि क्षेत्र पर भी काफी बल दिया गया है।

आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्तुत किया। जिसमें कई घोषणाएं की गईं, इस बजट में सभी का ध्यान रखने की कोशिश की गई है। कृषि क्षेत्र पर भी बजट में काफी फोकस किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डेयरी किसानों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम बनेगा।  

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि 11.8 करोड़ किसानों को सरकारी मदद दी गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के माध्यम से करोड़ों किसानों को रकम सीधी ट्रांसफर की जा रही है। पीएम किसान योजना का देशभर के अन्नदाता लाभ पा रहा हैं। साथ ही पीएम फसल योजना का लाभ चार करोड़ किसानों को दिया जा रहा है।

कृषि क्षेत्र की ग्रोथ घटकर केवल 1.2 फीसदी हो गई है। इस कारण से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के यूनियन बजट में कई उपायों का ऐलान किया है, जिससे कृषि क्षेत्र की उन्नति व विकास को बढ़ाया जा सके।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट संसद में पेश कर रहीं हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में रोजगार के मौके बढ़ते जा रहे हैं। हमारी सरकार सर्वसमावेशी विकास कर रहे हैं। साल 2047 तक भारत एक विकसित राज्य बन जाएगा।

बजट में की गईं निम्नलिखित बड़ी घोषणाऐं 

टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं: वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस बार टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। पहले की तरह आयकर सीमा 7 लाख बनी रहेगी, जिससे नौकरीपेशा को कोई फायदा नहीं होगा।

फ्री बिजली का एलान: वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में एलान करते हुए कहा कि आने वाले समय में रूफटॉप सोलराइजेशन से 1 करोड़ परिवारों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे मासिक 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 15,000 से 18,000 रुपये तक की बचत होने की उम्मीद है।

हाउसिंग स्कीम लाएगी सरकार: वित्त मंत्री ने हर गरीब को घर देने का एलान किया है। सीतारमण ने कहा कि किराए के मकानों, झुग्गियों या अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को अपना घर खरीदने के लिए सरकार नई हाउसिंग स्कीम लाएगी।

4 करोड़ मकानों का लक्ष्य होगा पूराः वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार हर गरीब को घर देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार 2 करोड़ घर गरीबों को सौंप चुकी है और 4 करोड़ घरों का लक्ष्य प्राप्त करने के नजदीक है। सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार ने 70 फीसद महिलाओं को घर देने का काम किया है।

मेडिकल कॉलेजों का होगा विस्तार: सीतारमण ने कहा कि सरकार मौजूदा अस्पताल के बुनियादी ढांचे का उपयोग कर अधिक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बना रही है। इसके लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।

सर्वाइकल कैंसर के लिए टीकाकरण अभियान: सरकार सर्वाइकल कैंसर का खात्मा करने के लिए 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिए टीकाकरण को प्रोत्साहित देगी।

आयुष्मान भारत का विस्तार: सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के लिए आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य देखभाल कवर का विस्तार हुआ है।

रक्षा खर्च बढ़ाः वित्त मंत्री ने कहा सरकार ने रक्षा खर्च को 11.1 फीसद तक बढ़ाया है, यह GDP का 3.4 फीसद होगा।

रेल होगी अपग्रेडः वंदेभारत स्तर के 40 हजार रेल डिब्बे बनाए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि ज्यादा भीड़ वाले रेल मार्गों के लिए 3 अलग कॉरिडोर बनाएं जाएंगे।

महिलाएं बनीं लखपतिः वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने की योजना बनाई है और अभी तक एक करोड़ को लखपति बना दिया है।

पंजाब सरकार के इस साल के बजट में किसानों के लिए क्या है? 

पंजाब सरकार के इस साल के बजट में किसानों के लिए क्या है? 

पंजाब में 27 जून को पेश यानी आज के दिन पेश हुआ बजट, जिसमे शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य में फोकस किया गया है.

हरपाल सिंह चीमा जो की पंजाब के वित्त मंत्री है उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को लेकर बजट पेश किया. उन्होंने एक जुलाई से मुफ्त बिजली देने का वादा किया और साथ ही अपने मंत्री विजय सिंगला के खिलाफ मान की कार्रवाई का जिक्र किया. 11,000 करोड़ रुपए भगवंत मान सरकार ने कृषि के लिए आवंटित किए है. जिसमे से पराली जलाने की समस्या के लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किए है.

ये भी पढ़ें: पंजाब सरकार बनाएगी पराली से खाद—गैस राज्य में मेडिकल कॉलेज बहुत कम है जिसकी वजह से सरकार ने 16 मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का वादा किया है. जिसकी वजह से राज्य में कुल 25 मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि वन विधायक वन पेंशन से 19 करोड़ हर साल और पेपरलेस बजट से 21 लाख रुपए बचेंगे. वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि बजट का एक एक पैसा लोगो पर खर्च होगा. हरपाल चीमा का कहना है कि यह बजट आम जनता की सलाह से बनाया गया है. इस बजट के लिए 20384 सुझाव लोगो ने दिए जिसमे से लगभग 5503 राज्य की महिलाओं ने भी सलाह दी थी. इस बार बजट में कोई नया टैक्स नहीं जोड़ा गया है. 450 करोड़ का प्रावधान सीधी बिजाई के लिए किया है. पिछली बार सरकार ने टैक्स की चोरी को लेकर कोई इंतजाम नही किया था, परंतु इस बार सरकार ने टैक्स की चोरी को रोकने के लिए पहली बार यूनिट बनाने जा रही है. शिक्षा के क्षेत्र में इस बार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. स्कूली व उच्च शिक्षा में 16, तकनीकी शिक्षा में 47 और मेडिकल शिक्षा में 57 फीसदी तक का इजाफा किया गया है। भगवंत मान सरकार ने 2022 - 23 में 55 हजार 860 करोड़ के बजट खर्चे का अनुमान रखा है.
तेज मशीनी चाल के आगे आज भी कायम बैलों की जोड़ी संग किसान की कछुआ कदमताल

तेज मशीनी चाल के आगे आज भी कायम बैलों की जोड़ी संग किसान की कछुआ कदमताल

रोबोटिक्स मिश्रित जायंट फार्म इक्विपमेंट मशीनरी (Giant Farm Equipment Machinery), यानी विशाल कृषि उपकरण मशीनरी की तेज चाल दौड़ में परंपरागत किसानी की विरासत, गाय-बैल-किसान की पहचान धुंधली पड़ती जा रही है। हालांकि कुछ भूमिपुत्र ऐसे भी हैं, जो बैलों की जोड़ियों के गले में बंधी घंटी की खनक के साथ, खेतों में कछुआ गति से कदम ताल करते यदा-कदा नजर आ ही जाते हैं। जी हां, भारत से इंडिया में तब्दील होते आधुनिक देश में पारंपरिक किसानी के तरीकों में तेजी से बदलाव हुआ है। काम में मददगार कृषि प्रौद्योगिकी उपकरणों की उपलब्धता के कारण मौसम आधारित खेती, अवसर आधारित हो गई है। लेकिन देश के कई हलधर ऐसे भी हैं जिन्होंने पारंपरिक खेती की असल पहचान, हलधर किसान की छवि को बरकरार रखा है।

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भूमि विकास, जुताई और बीज बोने की तैयारी के लिए उपकरण हालांकि कहना गलत नहीं होगा कि, दो बैलों और हल के साथ खेतों की जुताई करते किसान की परंपरा अब शायद अपने अंतिम दौर में है। ट्रैक्टर, मशीनों से किसानी की नई पीढ़ी अब बैल-हल से खेती में रुचि नहीं लेती। मेरे देश की धरती सोना-हीरा-मोती उगले गीत सुनकर यदि कोई अक्स उभरता है, तो वह है हरे-भरे खेत में बैलों की जोड़ी, हल के साथ खेत जोतता किसान। यह वास्तविकता अब सपना बनती नजर आ रही है। मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों के ठेठ ग्रामीण इलाकों में ही, आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को ही इस पहचान के साथ खेत में काम करते देखा जा सकता है। इन किसानों को देखकर पता लगाया जा सकता है, कि किस तरह हमारे पूर्वज अन्नदाता किसानों ने हल और बैलों की मदद से, अथक परिश्रम कर देश का पेट, मिट्टी में से अनमोल अनाज उगा कर भरा।

खेत जोतने से लेकर कटाई, सप्लाई सब मशीनी

आज के मशीनी दौर में किसानी के उपयोग में आने वाले मददगार उपकरणों की सुलभता ने भी पारंपरिक किसानी को पीछे किया है। बैलों की शक्ति के मुकाबले कई अश्वों की ताकत से लैस, कई हॉर्सपॉवर का शक्तिशाली ट्रैक्टर चंद घंटे में कई एकड़ जमीन जोत सकता है। दैत्याकार मशीनें अब कटाई-मड़ाई भी पल भर में करने में मददगार हैं। प्रतिकूल मौसम में भी मददगार मशीनी मदद से समय और श्रम की भी बचत होती है। कल्टीवेटर, रोटावेटर, हैरो जैसे तकनीक आधारित हल मिट्टी की जुताई बेहतर तरीके से कर देते हैं। [embed]https://youtu.be/AjPz41c7pls[/embed]

लेकिन हां….बड़े धोखे हैं इस राह में...

सनद रहे तकनीक आधारित काम में प्राकृतिक नुकसान की भी संभावना बढ़ जाती है। पर्यावरण सुरक्षा की दशा में चौकन्ने होते देशों को सोचना होगा कि, इन मशीनों से खेत पर काम करने से मिट्टी की गुणवत्ता में वह सुधार संभव नहीं जो पारंपरिक तरीके की किसानी में निहित है।

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धान की फसल काटने के उपकरण, छोटे औजार से लेकर बड़ी मशीन तक की जानकारी मशीनों आधारित अधिक गहरी खुदाई से जमीन और खेत की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जीव-जंतुओं को नुकसान होता है। जबकि खेत में बैलों, जानवरों के उपयोग से प्राकृतिक संतुलन बना रहता है। कहना गलत नहीं होगा कि, तकनीक आधारित ट्रेक्टर के धुएं ने हल-बैल और किसान की परंपरा का गुड़-गोबर कर अतीत की स्मृति को धुंधला दिया है।

छोटी जोत के किसान

छोटी जोत के गैर साधन संपन्न किसानों को हल और बैल आधारित किसानी करते देखा जा सकता है। इसके भी कई गूढ़ कारण हैं।

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पुरानी टेक्नीक

हल-बैल वाली युक्ति में लकड़ी का बना एक जुआ होता है। इसमें बने दो बड़े खानों को बैलों की डील पर पहनाया जाता है। इससे दोनों बैल एक समानांतर दूरी पर खड़े हो जाते हैं। इसके बाद लकड़ी अथवा लोहे की छड़ से लोहे का एक हल जुड़ा होता है। इस हल का जमीन को फाड़ कर उसे पलटने  वाला नुकीला भाग नीचे की ओर होता है। इसे संभाल कर दिशा देने के लिए ऊपर की तरह एक मुठिया बनी होती है, जिसे किसान हाथों से नियंत्रित कर सकता है। बाई ओर चलने वाले बैल से बंधी रस्सी जिसे नाथ बोलते हैं को किसान अपने एक हाथ में पकड़ कर रखता है। इस नाथ से बैलों की दिशा परिवर्तन में मदद मिलती है। खेतों में हल के माध्यम से होने वाली जुताई को  हराई बोलते हैं। पारंपरिक खेती के अनुभवी किसानों के अनुसार छोटी जोत में ट्रैक्टर के माध्यम से जुताई असंभव हो जाती है। जबकि हल-बैल के माध्यम से खेत की अधिक-से अधिक भूमि उपजाऊ बनाई जा सकती है। हालांकि मेकर्स ने छोटी जोत में मददगार मिनी ट्रेक्टरों का दावा भी कर दिया है।
कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना में किया अहम बदलाव

कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना में किया अहम बदलाव

यदि आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के पात्र हैं। तो ऐसे में आपके लिए एक बड़ी खबर है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, जिसका प्रत्यक्ष तौर पर प्रभाव देश के 8 करोड़ से अधिक किसानों के ऊपर पड़ेगा। भारत सरकार शीघ्र ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त की धनराशि को हस्तांतरित करने वाली है। अब ऐसे में योजना की 14वीं किस्त को जारी करने से पूर्व सरकार ने कुछ जरूरी बदलाव योजना के अंदर किए हैं। वर्तमान में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभार्थी स्टेटस देखने का ढ़ंग पूर्णतय बदल गया है। इसके अतिरिक्त सरकार ने पीएम किसान मोबाइल एप भी जारी किया है। बेनिफिशियरी स्टेटस को देखने का तरीका फिलहाल परिवर्तित हो चुका है। बेनिफिशियरी स्टेटस को देखने के लिए आपको फिलहाल रजिस्ट्रेशन नंबर की आवश्यकता पड़ेगी।

कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान मोबाइल ऐप जारी किया

साथ ही, फर्जीवाड़े की रोकथाम करने के मकसद से केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान मोबाइल एप को भी जारी किया है। इस ऐप की विशेष बात यह है, कि यह फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक से युक्त है।

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अब किसान ऐप से कर सकेंगे किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया
जानकारी के लिए बतादें कि इस एप की सहायता से किसान बड़ी सहजता से फेस ऑथेंटिकेशन की मदद से अपनी ई-केवाईसी करा सकते हैं। अब ऐसी स्थिति में उनको वन टाइम पासवर्ड एवं फिंगरप्रिंट की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

15 जुलाई से पहले आ सकती है 14वीं किस्त

भारत सरकार की तरफ से अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 13 किस्तें जारी की जा चुकी हैं। अब ऐसी स्थिति में देशभर में करोड़ों किसान इस स्कीम की 14वीं किस्त का बड़ी ही उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक, तो भारत सरकार 15 जुलाई से पूर्व प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त की धनराशि को हस्तांतरित कर सकती है। हालांकि, सरकार की तरफ से अब तक इसको लेकर किसी तरह की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
पंजाब सरकार ने किसानों के लिए अपने बजट में खोला खजाना

पंजाब सरकार ने किसानों के लिए अपने बजट में खोला खजाना

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने 2024-25 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत कर दिया है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने चंडीगढ़ में विधानसभा में 2.04 लाख करोड़ का बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेती-किसानी पर विशेष बल दे रही है। 

कृषि के लिए सरकार ने कुल 13784 करोड़ रुपये खर्च करने की व्यवस्था की है, जो कुल बजट का 9.37 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त राज्य के किसानों को मुफ्त बिजली देने के लिए 9330 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। 

इसके साथ ही महिलाओं, युवाओं और बेरोजगारों को नौकरियां देने के अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा पर सरकार का फोकस रहा है। 

पंजाब सरकार ने किसानों को 13000 करोड़ से अधिक की सौगात दी   

उपरोक्त में जैसा बताया है, कि पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने विधानसभा में वित्तवर्ष 2024-25 के लिए 2.04 लाख करोड़ का बजट पेश कर दिया है। 

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उन्होंने कहा कि पंजाब बजट 2024 में सरकार ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए 13,784 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की है। यह कुल बजट का 9.37% फीसद है। 

उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को सिंचाई सुविधाओं के लिए मुफ्त बिजली देने के लिए 9330 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।  

भगवंत मान सरकार की सबसे बड़ी कृषि हेतु घोषणाएं निम्नलिखित हैं 

  • कपास की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 'मिशन उन्नत किसान' योजना जारी की गई है। उन्होंने कहा कि 87 हजार किसानों को कपास के बीज पर 33% प्रतिशत अनुदान दिया गया है। 
  • वित्त वर्ष 2024-25 में फसल विविधीकरण योजनाओं के लिए 575 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा। फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देने के लिए मूल्य संवर्धन पर ध्यान रहेगा। 
  • होशियारपुर में स्वचालित पेय पदार्थ यूनिट की स्थापना की जाएगी।  
  • पंजाब के अबोहर में काली मिर्च प्रॉसेसिंग इकाई लगाई जाएगी।
  • जालंधर में वैल्यू एडेड प्रॉसेसिंग सुविधा विकसित की जाएगी।
  • फतेहगढ़ साहिब में रेडी टू ईट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट और अन्य परियोजनाओं के लिए सिडबी के साथ 250 करोड़ का समझौता किया है।